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Un programa de
बत्तियाँ किसने बुझाई ?

7 जनवरी 2015

7 de January de 2015, New Delhi

ऐसा लग रहा है कि इस नई अंतरिक्ष की तस्वीर में से किसी ने तारों को चुरा लिया हो ! लेकिन चिंता मत करो, इस उलझन का हल करने के लिए शर्लक होम्स की जरूरत नहीं है। यह ब्रह्मांडीय अपराध तो पहले से ही सुलझ चूका है। 

इस शानदार चित्र में दिखने वाला काला धब्बा असल में कोई धब्बा नहीं है, वास्तव में यह अवरुद्ध गैस और धूल का एक काला बादल है। जो की सितारों की रौशनी को रोक रहा है। 

इस तरह के बादलों को नेबुला कहा जाता है। ये आकाश में काले धब्बे के सामान प्रतीत होते हैं परन्तु वास्तविकता में यह बादल ब्रह्मांड में सबसे ज़्यादा व्यस्त रहनी वाली एक मशीन हैं, जो की सितारें बनाती है। 

नेबुला में सितारे इसी धूल और गैस से मिलकर बनते हैं| इन बादलों  में ऐसे कई हैं जो की नवजात सितारों से भरे हैं । इस चित्र में दिखने वाला काला बादल उन्ही में से एक है। 

अपने जीवन के प्रारंभिक भाग में एक तारे को 'प्रोटोस्टार' कहा जाता है। इस समय पर, एक तारा मूल रूप से धूल और गैस से बानी एक गेंद होता है। यह गेंद अपने ही गुरुत्वाकर्षण के बल के तहत टूट रही होती है। इस क्षण पर पुराने तारों को ऊर्जा देने वाली परमाणु आग भी नहीं होती है। 

जैसे-जैसे गुरुत्वाकर्षण के तहत पतन जारी रहता है, प्रोटोस्टार एक ज़्यादा तापमान वाली कड़ी गेंद बन जाता है। जब वे पूरी तरह से विकसित सितारे बन जाते हैं, उनकी सतह का तापमान जमा देने वाले तापमान यानी -250 डिग्री सेल्सियस से 40,000 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।

इस तस्वीर में दिख रहा यह काला बादल अधिक से अधिक सितारे बनाएगा, और फिर इस बादल के पीछे छुपे हुए तारो के साथ - साथ नवजात तारे भी सामने आ जाएंगे।  

Cool Fact

एक तारे की जिंदगी की शुरुआत आकाशगंगाओं के टकराने से लेकर पास के एक सुपरनोवा के कारण हो सकती है।

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